Prefixes का अध्ययन करके कुछ ही मिनटों में शब्दावली बढ़ाएं।

आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर बातचीत करेंगे, जो है “प्रत्यय” या “Prefixes”। प्रत्यय वह शब्द है जो किसी शब्द के आदि में जोड़कर उसका अर्थ बदल देता है।

हम इंग्लिश भाषा में कुछ सामान्य प्रत्ययों की चर्चा करेंगे, उनके मूल पार्ट ऑफ स्पीच और जब इन्हें किसी शब्द में जोड़ते हैं तो उनका नया पार्ट ऑफ स्पीच कैसा बनता है।

पहला प्रत्यय है “-un”। इसका मूल पार्ट ऑफ स्पीच है Adjective (विशेषण) और जब इसे किसी शब्द में जोड़ते हैं तो उसका पार्ट ऑफ स्पीच भी Adjective (विशेषण) बनता है। उदाहरण के लिए, “Happy” का अर्थ होता है खुश। जब हम “unhappy” कहते हैं, तो यह नकारात्मक हो जाता है, जिसका अर्थ होता है अखण्डित खुशी से वंचित या उदास।

दूसरा प्रत्यय है “-dis”। इसका मूल पार्ट ऑफ स्पीच है Verb (क्रिया) और जब हम इसे किसी शब्द में जोड़ते हैं तो उसका पार्ट ऑफ स्पीच भी Verb (क्रिया) बनता है। उदाहरण के लिए, “connect” का अर्थ होता है जोड़ना। जब हम “disconnect” कहते हैं, तो यह अर्थ होता है जुड़े हुए को अलग करना।

तीसरा प्रत्यय है “-re”। इसका मूल पार्ट ऑफ स्पीच है Verb (क्रिया) और जब हम इसे किसी शब्द में जोड़ते हैं तो उसका पार्ट ऑफ स्पीच भी Verb (क्रिया) बनता है। उदाहरण के लिए, “do” का अर्थ होता है करना। जब हम “redo” कहते हैं, तो यह अर्थ होता है पुनः करना या फिर से करना।

चौथा प्रत्यय है “-pre”। इसका मूल पार्ट ऑफ स्पीच है Noun (संज्ञा) और जब हम इसे किसी शब्द में जोड़ते हैं तो उसका पार्ट ऑफ स्पीच भी Adjective (विशेषण) बनता है। उदाहरण के लिए, “school” का अर्थ होता है स्कूल। जब हम “preschool” कहते हैं, तो यह अर्थ होता है स्कूल से पहले या प्राथमिक स्तर का स्कूल।

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पाँचवा प्रत्यय है “-mis”। इसका मूल पार्ट ऑफ स्पीच है Verb (क्रिया) और जब हम इसे किसी शब्द में जोड़ते हैं तो उसका पार्ट ऑफ स्पीच भी Verb (क्रिया) बनता है। उदाहरण के लिए, “understand” का अर्थ होता है समझना। जब हम “misunderstand” कहते हैं, तो यह अर्थ होता है गलत समझना या भूल से गलत तात्पर्य करना।

More Prefixes :

Common prefixes along with their original part of speech (POS), original words, and the resulting part of speech when the prefix is added:

ये prefix हमें दिखा रहे हैं कि prefix का उपयोग कैसे शब्दों के अर्थ में परिवर्तन ला सकता है और कैसे यह एक नये पार्ट ऑफ स्पीच को पैदा कर सकता है। हमने देखा कि इन prefix का मूल पार्ट ऑफ स्पीच और उनका जुड़े हुए शब्द में उत्पन्न होने वाला पार्ट ऑफ स्पीच कैसा होता है। इससे हम यह समझ सकते हैं कि भाषा में कैसे समृद्धि होती है और शब्दों का अर्थ कैसे बदल सकता है।

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