इंग्लिश सीखने के लिए पहले बोली जानी चाहिए या लिखी

इंग्लिश सीखने के लिए पहले बोली जानी चाहिए या लिखी

वास्तव में, बोली जाने वाली अंग्रेजी  सीखना ही शुरुआत के लिए बेहतर विकल्प है .आइए जानते हैं क्यों:

  • ज्यादा तेज़ प्रगति: बोलचाल की अंग्रेजी सीखना ज्यादा आसान होता है. रोज़मर्रा के इस्तेमाल होने वाले शब्द और वाक्य सीखकर आप जल्दी बातचीत करने लगेंगे . इससे आपका सीखने का आत्मविश्वास बढ़ेगा.
  • अभ्यास का ज़्यादा मौका : बोली जाने वाली अंग्रेजी का अभ्यास हर जगह किया जा सकता है. आप दोस्तों से बात कर सकते हैं, अंग्रेजी फिल्में देख सकते हैं या अंग्रेजी गाने सुन सकते हैं. लिखने की तुलना में बोलने का अभ्यास ज़्यादा आसान और मज़ेदार होता है.
  • सोचने में मदद: जब आप बोलचाल की अंग्रेजी सीखते हैं, तो आप धीरे-धीरे अंग्रेजी में सोचना भी शुरू कर देते हैं. इससे भविष्य में लिखते समय भी आपको आसानी होगी.
  • बुनियाद मजबूत करना: बोली जाने वाली अंग्रेजी सीखना लिखने की अंग्रेजी का आधार है. पहले बुनियाद मजबूत करने से बाद में व्याकरण और वाक्य रचना सीखना आसान हो जाता है.

बेशक, बाद में लिखने की अंग्रेजी सीखना भी ज़रूरी है. आप धीरे-धीरे दोनों को साथ-साथ सीख सकते हैं. उदाहरण के लिए, आप जो बातें बोलते हैं, उन्हें लिखने का अभ्यास करें या आप जो अंग्रेजी फिल्में देखते हैं, उनकी सबटाइटल (subtitle) इंग्लिश में रखें.

याद रखें, सबसे ज़्यादा ज़रूरी है अभ्यास करते रहना. बोलचाल की अंग्रेजी सीखकर आप एक मजबूत आधार बनाएंगे और जल्द ही आप अंग्रेजी में बातचीत करने में सहज महसूस करेंगे !

 

आपको इंग्लिश सीखने के लिए पहले बोली जानी चाहिए या लिखी, इस पर निर्णय लेने के लिए कई तत्वों का ध्यान रखना होगा। बोली जाना या लिखी जाना, इन दोनों में अंतर होता है।

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बोली जाने से आपकी व्यवस्थित बातचीत में सुधार होता है और सुनने में भी आपका अनुभव बढ़ता है। लिखी जाने से आपका व्यापक शब्दावली और वाक्य संरचना सुधारता है, और यह जरूरी है जब आप अधिक तकनीकी या पेपर वर्क करने की कोशिश करते हैं।

आपकी आवश्यकताओं और लक्ष्यों के आधार पर यह निर्णय लेना होगा। अगर आप व्यावसायिक या शैक्षिक क्षेत्र में बातचीत करने की आवश्यकता महसूस करते हैं, तो बोली जाना पहले से उपयुक्त हो सकता है। लेकिन यदि आपकी आवश्यकता अधिक प्राथमिकता के साथ लिखित कम्युनिकेशन पर है, तो लिखी इंग्लिश सीखना भी उचित हो सकता है।

बेशक, लिखने की अंग्रेजी भी ज़रूरी है. लेकिन बाद में धीरे-धीरे दोनों को साथ-साथ सीख सकते हैं. उदाहरण के लिए, मैं जो बोलता हूँ, उसे लिखने का अभ्यास कर सकता हूँ या अंग्रेजी फिल्में सबटाइटल (subtitle) इंग्लिश में देख सकता हूँ.

तो मेरी राय में, पहले बोलचाल की अंग्रेजी सीखना ही फायदेमंद है. इससे जल्दी बातचीत करने में सहज हो जाऊंगा और फिर धीरे-धीरे लिखना भी सीख लूंगा!

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